वेतन चुनने का विकल्प : एक राज्य कर्मचारी जो पूर्व से ही नियमित राजकीय सेवा में है, उसे राज्य सरकार द्वारा समय समय पर देय पूर्व पद के स्वयं के पे मैट्रिक्स लेवल में देय वेतन या परीवीक्षा की अवधि में देय नियत पारिश्रमिक में से जे भी उसके लिये लाभकारी हो, वेतन देय होगा।
यदि कोई परीवीक्षाधीन प्रशिक्षणार्थी अपने पूर्व के पद के के पे बैण्ड व ग्रेड पे में वेतन प्राप्त करने का विकल्प देता है तो उसे परीवीक्षाधीन अवधि में पूर्व के पद के विद्यमान वेतनमान में वार्षिक वेतनवद्धि देय होगी तथा प्रशिक्षण स्थान का मकान किराया भत्ता देय होगा।
नियमित राज्य कर्मचारी, जिसने राज्य सेवा के 3 वर्ष पूर्ण कर लिये है, कार्य ग्रहण काल एवं इस अवधि के वेतन के लिये पात्र होगा। यदि उसने राज्य सेवा के 3 वर्ष पूर्ण नहीं किये है, तो उसे केवल कार्य ग्रहण काल ही देय होगा तथा कार्य ग्रहण काल का वेतन देय नहीं होगा। परीवीक्षा अवधि सफलतापूर्वक पूर्ण करने पर उसका वेतन पूर्व पद और वेतन के प्रति निर्देश से समान स्टेज पर नये पद के पे लेवल में नियत किया जावेगा। (वित्त विभाग की अधिसूचना क्रमांक एफ.12(5) वित्त/नियम/06 दिनांक 31 अगस्त 2006 एवं दिनांक 28 जून 2013)
परीवीक्षाधीन अवधि सफलतापूर्वक पूरी करने वाले परीवीक्षाधीन प्रशिक्षणार्थी का लेवल में पे–मेट्रिक्स में वेतन नियतन :वित्त विभाग की अधिसूचना क्रमांक एफ.1(4) एफ.डी.(रूल्स)/2017-I दिनाक 30 अक्टूबर 2017 द्वारा नियम 26(1) को दिनांक 1 जनवरी 2016 संशोधित करते हऐ यह प्रावधान किया गया है कि परिवीक्षा अधीन प्रशिक्षणार्थी द्वारा परीवीक्षा अवधि सफलतापूर्वक पूर्ण करने पर पे मैट्रिक्स के संबंधित लेवल में वेतन प्रथम सेल में अनुज्ञात
किया जावेगा।
राजस्थान सिविल सेवाएं (पुनरीक्षित वेतन) नियम, 2017 के नियम 13(2) के अनुसार प्रत्येक नये भर्ती किये गये व्यक्ति को परिवीक्षा काल पूर्ण करने पर प्रथम वेतनवृद्धि 1 जुलाई को परीवीक्षाकाल पूर्ण करने की तारीख के ठीक बाद आती है, अनुज्ञात कि जाएगी।
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