परीवीक्षाधीन प्रशिक्षणार्थी की सेवा-समाप्ति : कार्मिक विभाग राजस्थान के आदेश क्रमांक:एफ.7(2)डीओपी-II/2005 दिनांक 26 अप्रैल 2011के अनुसार यदि नियुक्तिकर्ता प्राधिकारी को परीवीक्षा की कालावधि के दौरान या उसकी समाप्ति पर किसी भी समय यह प्रतीत हो कि परीवीक्षाधीन प्रशिक्षणार्थी की सेवाएं सन्तोषप्रद नहीं पायी गयी है तो नियुक्ति प्राधिकारी उसे उस पद पर प्रतिवर्तित कर सकेगा जिस पर वह परीवीक्षाधीन प्रशिक्षणार्थी के रूप से उसकी नियुक्ति से ठीक पूर्व नियमित रूप से चयनित किया गया हो या अन्य मामलों मे सेवोन्मुक्त कर सकेगा या उसकी सेवा समाप्त कर सकेगा।
नियुक्तिकर्ता प्राधिकारी इस संबंध में अन्तिम आदेश पारित करने से पूर्व परीवीक्षाधीन प्रशिक्षणार्थी को समुचित अवसर प्रदान करेगा। परन्तु नियुक्तिकर्ता प्राधिकारी किसी भी मामले में या मामलों के किसी वर्ग में यदि उचित समझे तो किसी परीवीक्षाधीन प्रशिक्षणार्थी के परीवीक्षाकाल को एक वर्ष से अनधिक को विनिदिष्ट कालावधि के लिये बढ़ा सकेगा।
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