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राजस्थान सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1996


वर्तमान में राज्य कर्मचारियों के लिये दो प्रकार के पेंशन नियम लागू है :

(1) 1-1-2004 से पूर्व नियुक्त कर्मचारी (31-12-2003 तक)

राजस्थान सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1996”

(2) 1-1-2004 एवं इसके पश्चात् नियुक्त कर्मचारी

नई पेंशन अंशदान योजना 2004”

 

पेंशन नियम-1996

कर्मचारी को सेवानिवृत्ति की दिनांक के दूसरे दिन ही पेंशन परिलाभ का भुगतान करने का प्रावधान है । कार्यालय अध्यक्ष कर्मचारी को सेवानिवृत्ति तिथि से छ: माह पूर्व समस्त प्रकरण (सेवा पुस्तिका एवं पेंशन कुलक वांछित प्रमाणपत्रों सहित) पेंशन विभाग को अधिकृतियां जारी करने हेतु अनिवार्य रूप से प्रेषित कर दिया जावे । कर्मचारी स्वयं अपने प्रकरण के प्रति जागरुक रहे जैसे जन्म तिथि एवं पूरे सेवाकाल का सत्यापन,मनोनयन पत्र, लिये गये ऋणों का अदेय प्रमाणपत्र इत्यादि।

पेंशन का वर्गीकरण

(१) अधिवार्षिकी पेंशन – अनिवार्य सेवा निवृत्ति की आयु प्राप्त करने पर पेंशन (वर्तमान में 60 वर्ष )

(२) निवृत्ति पेंशन –

(अ) नियम 50 (1) के अन्तर्गत स्वेच्छिक सेवा निवृत्ति जो 15 वर्ष की अर्हकारी सेवा पूर्ण करने के बाद किसी भी समय वह नियुक्ति अधिकारी को न्यूनतम तीन माह का नोटिस देकर ले सकता है । स्वेच्छिक सेवा निवृत्ति पर अर्हकारी सेवा 5 वर्ष की अवधि तक इस शर्त के अध्यधीन रहते हुए बढ़ाई जायेगी कि उसकी कुल अर्हकारी सेवा किसी भी दशा में 33 वर्ष से अधिक नहीं होगी तथा वह उसकी अधिवार्षिकी आयु के बाद समाप्त नहीं होगी । पेंशन योग्य सेवा में 5 वर्ष का लाभ बढ़ाने से इस अवधि की कोई वेतन वृद्धि देय नहीं होगी ।

(ब) नियम 53 (1) के अनुसार सरकारी कर्मचारी द्वारा 15 वर्ष की अर्हकारी सेवा पूर्ण करने या 50 वर्ष की आयु (जो भी पहले हो) पूर्ण करने पर अनिवार्य सेवा निवृत्त किया जाता है तो उसे निवृत्त पेंशन प्राप्त होगी । इसमें 5 वर्ष की प्रकल्पित अर्हकारी सेवा नहीं जोड़ी जायेगी ।

(3) असमर्थता पेंशन – शारीरिक या मानसिक दुर्बलता के कारण कार्य करने असमर्थ होने पर चिकित्सा अधिकारी के प्रमाणपत्र पर देय।

(4) क्षतिपूरक पेंशन – स्थाई पद समाप्त होने के कारण सेवामुक्ति के चयन किये जाने पर देय ।

(5) अनिवार्य सेवानिवृत्ति पेंशन- नियम 42 के अन्तर्गत दण्ड स्वरूप अनिवार्य सेवानिवृत्ति किये जाने पर यह पेंशन देय ।


 

पेंशन का रूपान्तरण

1. सेवा निवृत्त कर्मचारी अपनी मूल पेंशन की अधिकतम एक तिहाई या ऐसी निचली सीमा को रूपान्तरित करा सकता है ।
2. सेवा निवृत्ति की तिथि के एक वर्ष की अवधि के भीतर प्रपत्र एक में बिना चिकित्सा प्रमाणपत्र के आवेदन किया जा सकता है ।
3. रूपान्तरण राशि की गणना आगामी जन्म तिथि पर पूर्ण होने वाले वर्षों के अनुसार रूपान्तर फेक्टर के आधार पर देय होगी ।
4. रूपान्तरण राशि का सूत्र= 1/3 पेंशन x 12 x रूपान्तरण फेक्टर

यदि एक कर्मचारी 60 वर्ष की आयु पर सेवा निवृत्त होता है तो रूपांतरण फेक्टर 9.81 होगा क्योंकि उसकी आगामी जन्मतिथि पर आयु 61 वर्ष की होगी।

5. रूपान्तरण राशि का पुनः स्थार्पन (रेस्टोरेशन) रूपान्तरण भुगतान की तिथि से 14 वर्ष पूरे होने के बाद अगले माह से पुनः पूर्ण पेंशन दे दी जायेगी ।

परिवार पेंशन- पारिवारिक पेंशन 1913/- प्रतिमाह के न्यूनतम और 1-7-2004 से सरकार के उच्चतम वेतन रूपये 33,600/- के 30% के अधिकतम रहते हुए परिलब्धियों का 30 % अनुझेय होगा ।

ग्रेच्यूटी- ग्रेच्युटी सेवानिवृत्ति पर दी जाने वाली ग्रेच्युटी की अधिकतम राशि 10 लाख है ।

ग्रेच्युटी सूत्र= अंतिम वेतन परिलब्धियाँ/4 x छ: माही अवधि

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Pooran chand dhobi @ Sunday; 22-01-2023; 10:57:10pm

How to calculate old pension
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@ Friday; 22-04-2022; 11:51:33am

what is provision in niyam 151 of these rules
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