राज्य PSUs / स्वायत्त निकाय / स्थानीय निकाय / पंचायत राज संस्थानों आदि के कर्मचारी, जो सीधे भर्ती के माध्यम से सरकारी सेवा में नियुक्त होते हैं, के Pay Protection निर्धारण के संबंध में।
यह सरकार के ध्यान में आया है कि जब राज्य सरकार में विभिन्न सेवाओं के लिए सीधे भर्ती हेतु विज्ञापन जारी किए जाते हैं, तो राज्य के PSUs / स्वायत्त निकाय / स्थानीय निकाय / पंचायत राज संस्थानों के कर्मचारी भी इन भर्तियों में आवेदन करते हैं।अगर इन्हें चयनित कर राज्य सरकार में नियुक्त किया जाता है, तो वे अपनी पिछली नौकरी में प्राप्त वेतन की सुरक्षा और पहले की सेवा अवधि को मान्यता देने की मांग करते हैं।लेकिन, नियम 24 और 26 के तहत वेतन सुरक्षा केवल उन्हीं सरकारी कर्मचारियों को दी जाती है, जो पहले से ही सेवा नियमों के अनुसार राज्य सरकार में नियमित चयन से सेवा में हैं। यह प्रावधान PSUs / स्वायत्त निकाय / स्थानीय निकाय / पंचायत राज संस्थानों के कर्मचारियों पर लागू नहीं होता।
राजस्थान सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1971 के अनुसार भी,‘सरकारी कर्मचारी’ का तात्पर्य केवल ऐसे व्यक्तियों से है जिन्हें राज्य सरकार द्वारा किसी पद पर नियुक्त किया जाता है और जिनका वेतन राज्य के समेकित कोष (Consolidated Fund) से दिया जाता है।
इसी तरह, जब स्थिति उलटी होती है, अर्थात् राज्य सरकार के कर्मचारी PSUs / स्वायत्त निकाय / स्थानीय निकाय / पंचायत राज संस्थानों में नियुक्त होते हैं, तो उनके लिए भी अलग नियम हैं।जैसे कि Rajasthan Civil Services (Pension) Rules, 1996 में यह स्पष्ट किया गया है कि PSUs / Autonomous Bodies में नियुक्ति पर वेतन और अन्य शर्तें उस संस्थान के नियमों के अनुसार होंगी।
इसलिए, ऊपर बताई गई स्थितियों के अनुसार, राज्य सरकार में नियुक्ति पर PSUs / स्वायत्त निकाय / स्थानीय निकाय / पंचायत राज संस्थानों में पूर्व में प्राप्त वेतन का संरक्षण Pay Protection नहीं मिलेगा।
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