अस्थायी कर्मचारियों को असाधारण अवकाशः नियम 96(ख) के अनुसार अस्थायी सेवा के कर्मचारियों को एक समय में 3 माह से 18 माह तक का असाधारण अवकाश स्वीकृत किया जा सकता हैं। एक अस्थायी कर्मचारी को एक समय में 3 माह तक का असाधारण अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है। इससे अधिक अवाधा असाधारण अवकाश वित्त विभाग की पूर्व सहमति से, उक्त प्रावधान में शिथिलता के बाद ही स्वीकत किया जा सकता है। यह अवकाश निम्न में से किसी एक रोग का उपचार कराने के लिये भी मंजूर किया जा सकता है:-
(1) एक मान्यता प्राप्त सेनिटोरियम में क्षय रोग (फेफडा) का उपचार
(2)शरीर के किसी अन्य भाग में हुई तपेदिक का उपचार, एकयोग्य टी.बी.विशेषज्ञ या सिविल सर्जन से उपचार
(3) किसी मान्यता प्राप्त कुष्ठ चिकित्सा संस्था में राजकीय चिकित्सा अधिकारी द्वारा अथवा मान्यता प्राप्त कुष्ठ रोग विशेषज्ञ अथवा सिविल सर्जन से उपचार
वित्त विभाग की अधिसूचना क्रमांक: एफ.1(5)वित्त(नियम)/96 दिनांक 26 फरवरी 2002 द्वारा नियम 96(ख) के नीचे जोडे गये परन्तुक के अनुसार एक अस्थायी कर्मचारी जिसकी नियुक्ति निर्धारित चयन प्रक्रिया के तहत हुई है तथा जिसने नियमित सेवा के 3 वर्ष पूर्ण कर लिये है उसे असाधारण अवकाश स्थायी कर्मचारियों की भांति ही स्वीकृत किया जा सकता है।
नियम 96(b)(A) के अनुसार जब एक कर्मचारी टी.बी. रोग के उपचार के लिये असाधारण अवकाश प्राप्त करता है एवं वह स्वस्थ होकर अपनेपद का कार्यभार ग्रहण कर लेता है तथा उसके बाद वह अर्द्ध-वेतन अवकाश अर्जित कर लेता है तो ऐसे कर्मचारी द्वारा पूर्व में उपभोग किये गये असाधारण अवकाशों को बाद में अर्जित अर्द्ध-वेतन अवकाशों में,परिवर्तित कर दिया जावेगा।
नियम 96(b)(A) के नीचे दी गयी टिप्पणी के अनुसार 18 माह का असाधारण अवकाश उस कर्मचारी को दिया जा सकेगा जो फेफड़ों की टी.बी. से पीड़ित होने के कारण अपना उपचार अपने निवास स्थान पर ही एक ऐसे टी.बी. विशेषज्ञ से करा रहा हो जो राजकीय प्रशासनिक चिकित्सा अधिकारी द्वारा मान्यता प्राप्त हो। ऐसी चिकित्सा के लिये उसे उस विशेषज्ञ द्वारा हस्ताक्षरित प्रमाण-पत्र प्राप्त करना पड़ेगा कि वह उसके उपचार में है तथा अवकाश की समाप्ति के बाद कर्मचारी के स्वस्थ होने की पूर्ण संभावना है। जहाँ यह संभव नहीं हो वहाँ चिकित्सा प्राधिकारी को स्पष्ट रूप से प्रमाण-पत्र में यह अंकित करना चाहिये कि “राजकीय सेवा के लिये राज्य कर्मचारी स्थायी रूप से अयोग्य हैं।"
नियम 97(4) के अनुसार असाधारण अवकाश पर रहने वाले राज्य कर्मचारी को उस अवधि में अवधि में कोई वेतन आदि नहीं दिया जावेगा।
Rajasthan Serviece Rule - 96(b)
Except in the case of a Government servant in permanent-employ, the duration of extraordinary leave shall not exceed three or eighteen months on any one occasion, the longer period being admissible, subject to such conditions as the Government may by general or special order prescribe, only when the Government servant concerned is undergoing treatment for—
(i) Pulmonary Tuberculosis in a recognised Sanatorium, or
(ii) Tuberculosis of any other part of the body by a qualified Tuberculosis Specialist or a Civil Surgeon, or
(iii) Leprosy in a recognised Leprosy Institution or by a Civil Surgeon or a Specialist in Leprosy recognised as such by the State Administrative Medical Officer concerned. “Provided that a temporary employee who has been appointed after regular selection as per recruitment rules and who has completed three years regular service shall be entitled to extra ordinary leave on the scales admissible to a permanent Government servant.” & (b) (A)—Where the extraordinary leave is granted, under sub-rule (b), to a Government servant undergoing treatment for T. B. and he resumes his duty after availing of such leave and earns subsequently half pay leave, the extraordinary leave so availed of by him will be converted into half pay leave and it shall be adjusted against the half pay leave earned.
NOTES.
1, The concession of extraordinary leave upto eighteen months will be admissible also to a Government ‘servant [suffering from pul-mona Tuberculosis who] receives treatment at his residence under a Tuberculosis Specialist recognised as such by the State Administrative Medical Officer concerned and produces a certificate signed by that Specialist to the effect that he is under his treatment and that he has reasonable chances of recovery on the expiry of the leave recommended.
2. (i) The concession of extraordinary leave upto eighteen months under this sub-rule will be admissible only to those Goverment servants who have been in continuous Government service for a period exceeding one year. (ii) The post from which the Government servant proceeds on leave is likely to last till he returns to duty, and (iii) The Government servant produces a certificate from the Medical Officer-in-charge of the Sanatorium or the T. B. Specialist or other Medical Officer of the prescribed rank, who may be treating him, specifying the period for which leave is recommended. The Medical Officer recommending leave will bear in mind that he must not recommend the grant of leave in any case in whch there appears to be no reasonable prospect that the Government servant concerned will ever be fit to resume duties. In such cases the opinion that the Government servant is permanently unfit io Government service should be recorded in the Medical Certificate
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