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परीवीक्षाधीन को अवकाश(Leave to Probationers)


परीवीक्षाधीन  को अवकाश

नियम 122 के अनुसार एक परिवीक्षाधीन कर्मचारी को उस पर प्रभावी सेवा नियमों के अनुसार अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है यदि वह परिवीक्षाधीन होने के अतिरिक्त अन्यथा रूप से किसी स्थायी पद को धारण करता है। यदि किसी कारण से परीवीक्षाधीन की सेवाओं को समाप्त करने का प्रस्ताव है तो उसे किसी भी प्रकार का स्वीकृत अवकाश उस तारीख से आगे नहीं दिया जाना चाहिये जिस तक उसके पूर्व में स्वीकृत या बढाये गये परीवीक्षा काल का समय समाप्त होता हैं।

 

वित्त विभाग की अधिसूचना क्रमांक एफ.1(2)वित्त(नियम)/06 पार्ट-I दिनांक 22 मई 2009 द्वारा यह प्रावधान किया गया है कि राजस्थान सेवा नियम  के नियम 121क(i) के अनुसार परीवीक्षाधीन प्रशिक्षणार्थी परिवीक्षाक् काल के दौरान कोई अवकाश अर्जित नहीं करेगा। असाधारण अवकाश की स्वीकृति के लिये उसको अस्थायी आधार पर नियुक्त व्यक्ति के समान समझा जाएगा।राज्य सरकार ने यह तय किया कि का प्रशिक्षण की सम्पर्ण अवधि के दौरान परीवीक्षाधीन प्रशिक्षणार्थी को नियुक्तिकर्ता प प्राधिकारी 3 माह तक का असाधारण अवकाश स्वीकृत कर सकेगा| इससे परे वित्त विभाग की सहमति से अपवाद स्वरूप यदि अवकाश मंजूर किया जाता है तो परीवीक्षा काल उतने दिन बढ़ाया जावेगा जितने दिन यह अवकाश बढ़ाया गया है। मगर परिवीक्षा काल अधिकतम 1 वर्ष तक ही बढ़ाया जा सकेगा।

परिवीक्षाधीन प्रशिक्षणार्थी को परीवीक्षा प्रशिक्षण की बढ़ी हुई अवधि सफलतापूर्वक पूरी" करने पर ही पद के चालू पे बैण्ड व ग्रेड पे में वेतन दिया जावेगा।

वित्त विभाग की अधिसूचना क्रमांक एफ.1(2)वित्त(नियम)/06 पार्ट-I दिनांक 11 जून 2014 द्वारा परीवीक्षाधीन प्रशिक्षणार्थी के असाधारण अवकाश के मामलों के शीघ्र निपटारे के लिये असाधारण अवकाश स्वीकृत करने हेतु शक्तियां निम्नानुसार प्रत्यायोजित की गयी है:

क्र.संख्या

असाधारण अवकाश अवधि

अवकाश स्वीकृत करने के लिये सक्षम

1

3 माह तक

 

नियुक्तिकर्ता प्राधिकारी

 

2

3 माह से अधिक किन्तु 1 वर्ष से अधिक नहीं

 

प्रशासनिक विभाग के अनुमोदन से नियुक्तिकर्ता प्राधिकारी

 

3

आपवादिक और अरिहार्य परिस्थितियों में 1 वर्ष की  अवधि से अधिक समय का असाधारण अवकाश

 

कार्मिक विभाग और वित्त विभाग के पूर्व अनुमोदन से नियुक्तिकर्ता प्राधिकारी

 

 

वित्त विभाग की अधिसूचना क्रमांक एफ.1(2)वित्त(नियम)/06 पार्ट-I दिनांक 7 अगस्त 2014 द्वारा वित्त विभाग की अधिसूचना दिनांक 11 जून 2014 के आंशिक संशोधन में 3 माह (90 दिन) की अवधि को घटाकर 1 माह कर दिया गया है। अब 1 माह से अधिक किन्तु 1 वर्ष तक उपयुक्त असाधारण अवकाश की अवधि परीवीक्षाकाल 1 माह से अधिक उपयुक्त असाधारण अवकाश की अवधि तक बढ़ाया जायेगा।

परिवीक्षाधीन (Probationers) को अवकाशः वित्त विभाग की अधिसूचना क्रमांक एफ.1(6)एफडी/रूल्स/2011 दिनांक 15 फरवरी 2012 द्वारा राजस्थान सेवा नियमों में नियम 122-A को निम्नानुसार प्रतिस्थापित किया गया है:

(i) एक परिवीक्षाधीन प्रशिक्षणार्थी परिवीक्षा अवधि में कोई अवकाश अर्जित नहीं करेगा।

(ii)महिला परिवीक्षाधीन प्रशिक्षणार्थी को नियम 103 तथा 104 के अनुसार प्रसूति अवकाश स्वीकृत किये जावेंगे।

(iii) पुरूष परिवीक्षाधीन प्रशिक्षणार्थी को नियम 103-A के अनुसार पितृत्व अवकाश स्वीकृत किया जायेगा।

Rajasthan Service Rule 122. Leave to probationers. -Leave may be granted to a probationer if it is admissible under the leave rules which would be applicable to him, if he held his post substantively otherwise than on probation. If for any reason it is proposed to terminate the services of a probationer any leave which may be granted to him should not extend beyond date on which the probationary period as already sanctioned or extended expires, or any earlier date on which the services are terminated by the orders of an authority competent to appoint him.

NOTE. Persons serving in vacation Department will be governed by Government of Rajasthan Decision No. 2 below Rule 92(b) of R.S.R. = 122A (i) Probationer-trainee shall earn no leave during the period of probation. (ii) Female probationer-trainees shall be granted maternity leave as per Rule 103 and 104”.

123. Leave to Apprentices. - An apprentice may be granted leave on medical certificate or extraordinary leave on the same terms as those applicable to an official not in permanent employ

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