विश्राम कालीन विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए विशिष्ट नियम
(1) नियम 92(a)(ii) के अनुसार विद्यालयों,पॉलिटेक्निक्स, कला व विज्ञान महाविद्यालयों के अध्यापन स्टाफ को कैलेंडर वर्ष में 15 के अनुपात में उपार्जित अवकाश देय होंगे।प्रत्येक कैलेंडर वर्ष की समाप्ति के तुरंत बाद 15 उपार्जित अवकाश प्रत्येक सरकारी कर्मचारी के खाते में जोड़ दिए जाएंगे।
(2) नियम 92(a)(iii)(1) के अनुसार किसी कैलेंडर वर्ष में नियुक्त किए गए सरकारी कर्मचारी को उस कैलेंडर वर्ष की समाप्ति के तुरंत बाद उसकी सेवा में पूर्ण किए गए प्रत्येक माह के लिए 1.25 दिन की दर से देय है।
(3) नियम 92(a)(iii)(2) के अनुसार, किसी कैलेंडर वर्ष में त्यागपत्र, सेवा की समाप्ति या सेवा में रहते हुए मृत्यु या अधिवार्षिकी, अशक्तता, सेवा से सेवानिवृत्त होने के मामले में प्रत्येक पूर्ण किए गए माह के लिए 1.25 दिन की दर से उपार्जित अवकाश उसके अवकाश खाते में जोड़ दिए जाएंगे।
(4) नियम 92(b) के अनुसार,जिस वर्ष विश्रामकालीन विभागों में कार्यरत अध्यापक वर्ग को विश्राम काल का उपभोग पूर्णतया नहीं करने दिया जाए तो उस वर्ष उन्हें अन्य सामान्य श्रेणी का कर्मचारी मानकर सेवा नियम 91 के प्रावधान के अनुसार उपार्जित अवकाश दिया जावेगा।जिस वर्ष उन्हें कुछ विश्रामकालो का उपयोग नहीं करने दिया जाए तो उस वक्त उन्हें ऐसे अनुपयोगी विश्राम काल के एवज में 15 के अनुपात में उपार्जित अवकाश देय होंगे।
(5) नियम 92(c)(i) के अनुसार, दीवानी न्यायालय के अधिकारी या कर्मचारी को एक कैलेंडर वर्ष में 12 दिन का उपार्जित अवकाश देय होगा जो उसके अवकाश खाते में 1 जनवरी को 6 व 1 जुलाई को 6 की संख्या में अग्रिम के रूप में जमा किया जाएगा। चाहे वह वर्ष सम हो या विषम।
(6) वित्त विभाग की अधिसूचना के द्वारा नियम 92(c)(i) के नीचे एक नया परंतुक जोड़ा गया है जिसके अनुसार शर्त यह है कि जहां दिसंबर के अंतिम दिल सिविल न्यायालय के अधिकारी या स्टाफ के किसी सदस्य के खाते में उपार्जित अवकाश 300 या कम, लेकिन 294 दिन से अधिक है तो जनवरी के पहले 6 दिनों के उपार्जित अवकाश अग्रिम के खाते में नियम 92(c)(i) के अनुसार चढ़ाए जाएंगे।इसके साथ ही साथ जून के अंतिम दिन सिविल न्यायालय के अधिकारी या स्टाफ के किसी सदस्य के खाते में उपार्जित अवकाश 300 या कम लेकिन 276 दिन से अधिक है तो 6 दिनों की अग्रिम उपार्जित अवकाश 1 जुलाई के प्रथम दिन अनुपयोजित उपार्जित अवकाश के कारण अवकाश खाते में चढ़ाए गए उपार्जित अवकाश नियम 92(c)(i) के अनुसार किए जाएंगे।ऐसे अग्रिम चढ़ाई गई उपार्जित अवकाशओं का लेखा प्रथक से रखा जाएगा वह जिसके विरुद्ध आधे वर्ष के दौरान सिविल न्यायालय के अधिकारी या स्टाफ के किसी सदस्य द्वारा लिए गए उपार्जित अवकाश उस आधे वर्ष के दौरान पहले समायोजित किए जाएंगे और शेष, यदि कोई है, संबंधित आधे वर्ष की समाप्ति पर अवकाश लेखों में चढ़ा दिए जाएंगे।शर्त यह है कि ऐसे अग्रिम चढ़ाए गए उपार्जित अवकाश का अवशेष खाते में पहले से ही उपार्जित अवकाश 300 दिनों की अधिकतम सीमा से ने बढ़ जावे।
(7) नियम92(c)(ii) के अनुसार सिविल न्यायालय के अधिकारि या स्टाफ के किसी सदस्य को हर एक माह की सेवा पूर्ण कर लेने पर 1 दिन का उपार्जित अवकाश देय होगा यदि वह किसी कैलेंडर वर्ष की एक आधे वर्ष में नियुक्त होता है।
(8) नियम 92(c)(iii) के अनुसार अगर सिविल न्यायालय का कोई अधिकारी या स्टाफ का कोई सदस्य असाधारण अवकाश के अतिरिक्त अन्य किसी प्रकार के अवकाश का उपभोग करता है तो उसके उपार्जित अवकाश के लेखों से कोई कटौती नहीं की जाएगी लेकिन जब वह अधिकारी या कर्मचारी किसी कैलेंडर वर्ष की छमाही में असाधारण अवकाश लेता है तो प्रत्येक 10 दिन के असाधारण अवकाश के एवज में 1 दिन का उपार्जित अवकाश उसके लेखों में से कम कर दिया जाएगा। इसकी अधिकतम सीमा उस छमाही में 6 दिन से ज्यादा नहीं होगी।
(9) नियम92(c)(iv) के अनुसार अगर सिविल न्यायालय के किसी अधिकारी या कर्मचारी को विश्राम काल का उपभोग करने से रोका जाए तो उस वर्ष कुल विश्राम काल की अवधि के एवज में उसे 18 दिनों के अनुपात में उपार्जित अवकाश देय होंगे।
(10) नियम 92(c)(v) के अनुसार निम्न मामलों में एक कर्मचारी को 1 जनवरी से या 1 जुलाई से आरंभ छमाही में घटना की तारीख वाले माह के अंत तक जितने माह बने उनको ध्यान में रखते हुए हर एक पूर्ण माह की सेवा के एवज में 1 दिन का उपार्जित अवकाश अनुज्ञेय होगा:- 1 सेवा से त्यागपत्र
2 सेवा समाप्ति
3 सेवा से निष्कासन
4 सेवा से बर्खास्तगी
5 सेवा में रहते मृत्यु हो जाना
6 सेवानिवृत्ति
नियम 92(d) के अनुसार इन नियमों के तहत किसी भी अन्य प्रकार के अन्य अवकाशों के साथ व उनकी निरंतरता में विश्रामकाल का उपभोग इस शर्त पर किया जा सकता है कि विश्रामकाल अवधि तथा उपार्जित अवकाशों की अवधि दोनों मिलाकर कर्मचारी को सेवा नियम 91 के अनुसार एक समय में स्वीकृति योग्य उपार्जित अवकाशों की संख्या से अधिक नहीं होगी।
(11) नियम 95 के अनुसार एक राज्य कर्मचारी जो स्थाई सेवा में हो, जब सेवा में व्यवधान के बिना ही यदि किसी स्थायी पद पर स्थायी रूप से नियुक्त कर दिया जाता है तो उसको पूर्व की सेवा में अर्जित उपार्जित अवकाशो को जो उसके सेवा अभिलेख में जमा है, और उसे पूर्व में ही स्थाई सेवा में होने पर प्राप्त होते, के अंतर को आगे जमा किया जाएगा । इस नियम के अनुसार अवकाश अवधि को सेवा में व्यवधान नहीं मनाया जाता है।
Special rules applicable to officers in Vacation Departments.—
- (i) Privilege leave is not admissible to a Government servant whether temporary or permanent serving in a vacation department in respect of duty performed in any calendar year in which he avails himself of the full vacation except to the extent indicated under sub-clause (ii) of this rule. (ii) Teaching staff in School's, Polytechnics, Arts and Science Colleges shall be entitled to 15 days privilege leave in a calendar year. The leave account of every Government servant shall be credited with 15 days privilege leave immediately after expiry of every calendar year. The grant of this privilege leave shall be subject to the following conditions:— (1) Eight days' privilege leave out of 15 days in a calendar year shall qualify, for grant of encashment of surrender of privilege leave while in service under Rule 91 A and for carry forward of balance to the next year. (2) Rest 7 days privilege leave out of 15 days in a calendar year shall, if not availed of, during the calendar year in which it is credited to leave account, shall lapse at the end of the calendar year. This leave of seven days shall not qualify for grant of encashment on surrender of privilege leave under Rule 91 A.
- (1) A Government servant appointed during a calendar year shall be allowed privilege leave @ 1.25 days for each completed month of his service immediately after the expiry of that calendar year.
- (2) In case of resignation, termination from service or death while in service or on retirement from service on superannuation, invalid, compensation or retirement under $ "Rule 50 of the Rajasthan Civil Services (Pension) Rules 1996" during a calendar year, the privilege leave @ 1.25 days for each completed calendar month shall be credited to his leave account.
- An officer of a Civil Court or a member of the staff shall be entitled to privilege leave of 12 days in a calendar year. The leave account of every Government Servant shall be credited with privilege leave, in advance, in two instalments of 6 days each on the first day of January and July of every calendar year irrespective of whether it is an even or uneven year. (ii) An officer of a Civil Court or a member of the staff shall earn privilege leave at the rate of one day for each completed month of his service in a half year in which he is appointed. (iii) No deduction in leave balance shall be made if a Government servant remains on any kind of leave other than extra-ordinary leave. If such a Government servant remains on extra-ordinary leave in a half year, deduction shall be made at the rate of onetenth of the period of extra-ordinary leave during that half year subject to a maximum of 6 days.] (iv) The privilege leave admissible to such a Government servant in respect of any calendar year in which he is prevented from availing himself of the vacation shall be such proportion of 18 days as the number of days of vacation not enjoyed bears to the full vacation. [(v) In case of resignation, termination, discharge, removal or dismissal from service or death while in service or on retirement from service, the privilege leave shall be re-reckoned with effect from Ist January or 1st July as the case may be in the half year of the occurrence of the event and credited to his leave account at the rate of 1 day for each completed calendar month upto the end of month in which he ceases to be in service.
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क्या pl का अवकाश, किसी भी अन्य अवकाश जैसे रविवार या राजकीय अवकाश के क्रम में लिया जा सकता है, यदि हाँ तो क्या वो रविवार और राजकीय अवकाश भी pl के रूप में मान कर काटे जाएंगे।
Pl लेने के पूर्व v बाद के राजकीय अवकाशों को pl में शामिल नहीं की जाती है
क्या स्वैच्छिक सेवा निवृति के लिए आवेदक को कार्यालय अध्यक्ष के माध्यम से ही भिजवाना अनिवार्य है या सीधे ही नियोक्ता को दिया जा सकता है।