नियम 8 - प्रोबेशनर प्रशिक्षणार्थी - स्थाई पद पर दो वर्ष के लिए अस्थाई नियुक्ति। 13 मार्च 2006 की अधिसूचना के आधार पर ये नियम 20 जनवरी 2006 से प्रभावी हुआ। इसमें कर्मचारियों को 02 वर्ष के लिए एक स्थिर पारिश्रमिक मिलता है तथा उनके स्थिर मानदेय पर कोई कटौती नही होती। इन्हें किसी प्रकार का अवकाश देय नहीं होता। (नियम 103 की सीरिज को छोड़कर)
नियम 8(ए) - प्रथम नियुक्ति के समय आयु -(16 से 35 वर्ष):-
महिला को दिनांक 24.02.2007 से अधिकतम आयु में 10 वर्ष की छूट। की छूट तथा ओ.बी.सी. को 03 वर्ष की छुट दी जायेगी। आरक्षित वर्ग की अधिकतम आयु किसी भी परिस्थिति में 35 वर्ष के बाद नहीं की जावेगी। दिनांक 25.11.1996 से अनु. जाति/अनु. जनजाति को अधिकतम आयु में 05 वर्ष अधिकतम आयु 45 वर्ष कर दी गई है। देवस्थान विभाग के पुजारियों हेतु है। दिनांक 06.03.2012 के बाद राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवा में सामान्य तौर पर नई नियुक्ति की आयु 16-35 वर्ष मानी है, प्रतिभुति से जुड़े मामलों में 18-35 वर्ष मानी गई है। दिनांक 24.05.2004 के बाद महिलाओं हेतु अधिकतम आयु 42 वर्ष मानी गई|
नियम 8(ब) - नाम परिवर्तन-
इस नियम के तहत एक निर्धारित प्रपत्र में सूचनायें एकत्रित करके कर्मचारी द्वारा कार्यालय अध्यक्ष को दी जायेगी तथा कार्यालयाध्यक्ष इन्हें एजी कार्यालय प्रेषित करेगा। तत्पश्चात् एजी के द्वारा सत्यापन की सम्पूर्ण जानकारी राजस्थान के राजपत्र में प्रकाशित होने के बाद कर्मचारी का नाम परिवर्तन हो जायेगा। प्रथम नियुक्ति के समय वेतन बिल की जांच कोषाधिकारी करते है।
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नियम 8
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नियम 8 (ब) के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करे
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श्रीमान जी मेरे नाम परिवर्तन का राजपत्र जारी हो चुका है अब आगे राजकीय विभाग ( माध्यमिक शिक्षा विभाग) में नाम परिवर्तन करवाने हेतु क्या प्रक्रिया रहेगी,सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करावे।
यदि किसी व्यक्ति को 16.5 वर्ष की आयु में अनुकंपा नियुक्ति दी गई है।उसे पहली एसीपी कब मिलेगी