नियम 110 में अध्ययन अवकाश स्वीकृत करने के प्रावधान किये गये है। उच्च अध्ययन हेतु अध्ययन अवकाश अथवा/और असाधारण अवकाश स्वीकृत करने के संबंध में निम्न मानदण्ड निर्धारित है:
1. अध्ययन अवकाश स्थायी राज्य कर्मचारी को अनुज्ञेय होगा।
2. अध्ययन अवकाश उन अस्थायी राज्य कर्मचारियों को भी अनुज्ञेय होगा जिन्होंने 3 वर्ष की निरन्तर सेवा पूर्ण कर ली है तथा जो राजस्थान लोक सेवा आयोग की अभिशंसा पर नियुक्त किये गये है यदि कोई पद राजस्थान लोक सेवा आयोग की परिधि में नहीं आता तो संविधान के अनुच्छेद 309 के परन्तुक के अन्तर्गत बने भर्ती नियमों के तहत नियक्त अस्थायी राज्य कर्मचारियों को 3 वर्ष की निरन्तर सेवा के बाद अध्ययन अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है।
अस्थायी राज्य कर्मचारियों को, जिन्होंने 3 वर्ष की निरन्तर सेवा पूर्ण कर ली है किन्तु उपरोक्त श्रेणी 1 व 2 में नहीं आते है,उन्हें उच्च अध्ययन हेतु अधिकतम 3 वर्ष का असाधारण अवकाश नियमों में शिथिलता देकर स्वीकृत किया जा सकता है।
4. उच्च अध्ययन हेतु अवकाश सामान्यत: उन कर्मचारियों को स्वीकृत नहीं किया जायेगा जिन्होंने 20 वर्ष या अधिक की सेवाएं पूर्ण कर ली है। दूसरे शब्दों में, 20 वर्ष या अधिक की सेवा पूर्ण करने वाले राज्य कर्मचारी को यह अवकाश देय नहीं होगा।
5. पूर्ण सेवा काल में अध्ययन अवकाश 2 वर्ष के लिये स्वीकृत किया जा सकता है।
6. अपवाद स्वरूप प्रकरणों को छोडकर एक बार में अध्ययन अवकाश की उपयुक्त अधिकतम अवधि 12 माह होगी।
7. अध्ययन अवकाश स्वीकृत करने वाले अधिकारी द्वारा यह सुनिश्चित किया जायेगा कि ऐसे अवकाश से राजकीय कार्य में बाधा तथा काडर प्रबंधन संबधी अडचनें उत्पन्न नहीं होगी।
8. उच्च अध्ययन के जो प्रकरण राजस्थान सेवा नियमों में निर्धारित मानदण्डों एवं शर्तों की परिधि में नहीं आते, उन प्रकरणों में उच्च अध्ययन की अनुमति न दी जावें।
अध्ययन अवकाश की अनुज्ञेयताः नियम 110(1) के अनुसार, अध्ययन अवकाश स्थायी सेवा के अधिकारी को किसी ऐसे पाठ्यक्रम अथवा किसी विशिष्ट तकनीकी प्रकति के अध्ययन/पाठ्यक्रम के लिए स्वीकृत किया जा सकता है यदि सक्षम प्राधिकारी की सम्मति में ऐसा अध्ययन/पाठ्यक्रम उस विभाग के कार्य सम्पादन के हित में (विभाग हित में) आवश्यक हो। सामान्यतः अध्ययन अवकाश उसको स्वीकृत नहीं किया जाना चाहिये जिसने 20 वर्ष अथवा उससे अधिक सेवा ली हो।
वित्त विभाग की अधिसूचना क्रमांक एफ.1(3)वित्त(नियम)/2002 दिनांक 20 जुलाई 2004 द्वारा यह प्रावधान किया गया है कि राज्य कर्मचारी को अध्ययन के ऐसे पाठ्यक्रम हेतु ही अध्ययन अवकाश स्वीकृत किया जाना चाहिये जो कि उसके (राज्य कर्मचारी के) वर्तमान पद के कर्त्तव्यों से जुडा हुआ हो एवं ऐसे पाठ्यक्रम के अध्ययन से विभागीय कार्य निस्तारण में निपुणता बढती हो। अन्य किसी स्थिति में अध्ययन अवकाश स्वीकृत नहीं किये जाना चाहिए।
क्र.संख्या |
अध्ययन अवकाश की अवधि
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अवधि जिसका बन्धक पत्र भरना होगा
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1 |
3 माह
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1 वर्ष
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2 |
6 माह
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2 वर्ष
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3 |
1 वर्ष
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3 वर्ष |
4 |
2 वर्ष या उससे अधिक |
5 वर्ष
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नोट-वित्त विभाग की अधिसूचना क्रमांक एफ.1(3)वित्त/नियम/2002 दिनांक 31 दिसम्बर 2012 द्वारा जोड़े गये राजस्थान सरकार के विनिश्चय के अनुसार 2 वर्ष एवं अधिक समय के अध्ययन अवकाश पर 5 वर्ष सेवा करने का बॉण्ड भरना होगा।
Rajasthan Service Rule 110 -- Admissibility of study Leave.- (1) Study leave will be admissible to a permanent Government servant to pursue course of study or investigation of a scientific or technical nature which in the opinion of the sanctioning authority is considered necessary in the public interest for the working of the department in which he is employed. It will ordinarily be not granted to a Government servant who has completed 20 years of service or more.
(2) Notwithstanding the provisions contained in sub-rule (1) study leave will also be admissible to a temporary Government servant who has completed three years continuous service provided that the initial appointment has been made on the advice of the Rajasthan Public Service Commission in case the post falls within the purview of the Rajasthan Public Service Commission or the appointment has been made by the competent authority in accordance with the rules regulating recruitment and conditions of service framed under proviso to Article 309 of the Constitution or where such rules have not been framed the appointment has been made by the competent authority in accordance with the orders issued by the Government prescribing academic qualification, experience etc.
(3) In case of a temporary Government servant who has completed three years continuous service and is not covered by provisions of sub-rule (2) above extra ordinary leave may be granted for a period of two years for purpose of prosecuting higher studies certified to be in the public interest in relaxation of provision contained in rule 96 (b) of Rajasthan Service Rules.
Note-
1. Diploma holders in any branch of engineering who are entitled to study leave under sub-rule (1) & (2) above may be granted study leave for a period of 24 months and in addition any kind of leave due and admissible to them upto a period of one year to enable them to obtain a degree in engineering. In case any other kind of leave is not due and admissible he may be granted extra ordinary leave not exceeding one year in addition to study leave admissible to him under this rule.
2. Temporary diploma holders in any branch of engineering who have completed continuous three years service and are not covered by the provisions contained in note 1 above may be granted extra ordinary leave for a period not exceeding three years for the purpose of obtaining a degree in Engineering from any University in relaxation of the provisions contained in rule 96 (b) of Rajasthan Service Rules.
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