सेवा समाप्ति अवकाश (Terminal Leave)- नियम 94
सेवा समाप्ति अवकाश (नियम 94 के अन्तर्गत)
नियम 94(1) के अनुसार अवकाश स्वीकति प्राधिकारी के विवेक पर निम्नांकित श्रेणी के अस्थाई राज्य कर्मचारियों को उनकी सेवा समाप्ति पर उनके उपार्जित अवकाश लेखों में देय उपार्जित अवकाशों की सीमा तक जो 300 दिन से अधिक नहीं होगी, सेवा समाप्ति अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है चाहे ऐसा अवकाश कर्मचारी ने औपचारिक रूप से नहीं माँगा हो अथवा राज्य–हित में अस्वीकृत नहीं किया गया हो :
(1) एक अस्थायी राज्य कर्मचारी जिसकी सेवाएँ, संस्थापन में कटौती अथवा पद की समाप्ति के कारण, उसके अधिवार्षिकी आयु के होने से पूर्व ही समाप्त की जा रही हो।
(2) ऐसा कर्मचारी जो उस पद की पूर्णतः योग्यता नहीं रखता हो तथा जिसे एक योग्य व्यक्ति के उपलब्ध हो जाने के कारण पद से हटाया जा रहा हो।
(3) ऐसा अस्थाई राज्य कर्मचारी जिसकी सेवाएं प्रशासनिक सुविधा को ध्यान में रखकर समाप्त की जा रही हों और जिसके विरूद्ध औपचारिक विभागीय कार्यवाही करना उचित नहीं समझा जाता हो।
नियम 94(2) के अनुसार एक अस्थाई राज्य कर्मचारी, जो अपने स्वयं के विवेक के आधार पर, सेवा से त्यागपत्र देता हो, ऐसा अवकाश स्वीकृत करते समय प्राधिकारी अपने विवेक पर, सेवा समाप्ति अवकाश स्वीकार कर सकता है जो कर्मचारी के उपार्जित अवकाश के खाते में देय अवकाशों की सीमा से आधा होगा तथा जो किसी भी स्थिति में 150 दिन से अधिक का नहीं होगा।
नियम 94(3) के अनुसार इस नियम के उप-नियम (1) तथा (2) के अनुसार देय सेवा समाप्ति अवकाश का वेतन एक मुश्त तथा एक समय में उसी प्रकार चुकाया जावेगा जिस प्रकार सेवा नियम 91(B)(3) तथा (4) में बताया गया है।
नियम 94(4) के अनुसार इस नियम के उप-नियम (1) तथा (2) के प्रावधानों के अनुसार सेवा समाप्ति अवकाश निम्नांकित व्यक्तियों को स्वीकार्य/देय नहीं होगा :
1. ऐसे राज्य कर्मचारी तथा शिक्षार्थी जो राज्य सेवा में पुरे समय के लिये नियुक्त नहीं हों,
2. ऐसे कर्मचारी जिन्हें सेवा से बर्खास्त अथवा निष्कासित किया गया हो, एवं
3. ऐसे अस्थाई राज्य कर्मचारी जिनकी सेवाएं राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में भाग लेने के कारण समाप्त की जाती हैं।
Rajasthan Service Rule 94 -- Admissibillty of Terminal Leave:— (1) Terminal leave to the extent of privilege leave not exceeding 300 days may be sanctioned at the discretion of the authority competent to grant leave even when it has not been applied for and refused in the public interest to the following categories of Government servants on termination of their employment:— (a) a temporary Government servant whose services are terminated by Government on account of retrenchment or on the abolition of the post before attaining the age of superannuation; (b) re-employed pensioners; (c) persons employed for a period exceeding one year on contract basis in terms of Appendix II of Rajasthan service Rules; (d) unqualified persons who have to vacate their temporary posts to make room for qualified candidates; and (e) Persons whose services may have to be dispensed with as a matter of administrative convenience as an alternative to the initiation of disciplinary proceeding against them.
(2) A temporary Government servant, who resigns on his own may at the discretion of the sanctioning authority be granted terminal leave not exceeding half the amount of privilege leave at his credit subject to a maximum of 150 days.
(3) The cash payment of leave salary under sub-rule (1) and (2) shall be paid in lump sum as one time settlement in accordance with method of computation laid down in sub-rule (3) and (4) of rule 91B.
(4) Terminal leave under sub-rule (1) and (2) above shall not be admissible to:— (a) apprentices and persons not in the whole time employment of the Government; (b) government servants dismissed or removed from service; and (c) government servants whose services have been terminated for taking part in any anti-national movement.
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