आकस्मिक अवकाश (Casual Leave)
राज्य सरकार आकस्मिक अवकाश को किसी प्रकार की मान्यता प्रदान नहीं करती इसीलिये यह मान्यताप्राप्त अवकाश नहीं है। राजस्थान सेवा नियम में आकस्मिक अवकाश को अवकाश की श्रेणी में नहीं माना गया है क्योंकि आकस्मिक अवकाश के दौरान राज्य कर्मचारी “कर्त्तव्य वेतन" आहरित करता है। यह अवकाश किसी नियम के अधीन नहीं है। इसे प्रशासनिक निर्देश के रूप में स्थान दिया गया हैं। तकनीकी रूप से जब यह अवकाश राज्य कर्मचारी द्वारा लिया जाता है तो वह कार्य से अनुपस्थित नहीं माना जाता। और न ही उसका वेतन रोका जाता है। परन्तु यह अवकाश इस तरह नहीं दिया जाना चाहिये जिसके कारण निम्न नियमों से बचा जा सके-
(क) वेतन एवं भत्ते की संगणना की तारीख
(ख) कार्यालय का पदभार
(ग) अवकाश का प्रारम्भ एवं अन्त
(घ) अवकाश से पुनः कार्य को लौटना
या अवकाश की अवधि इतनी बढा देना कि नियमानुसार उसे स्वीकृत नहीं किया जा सके।
आकस्मिक अवकाश स्वीकृत करना स्वीकृत करने वाले प्राधिकारी के स्वविवेक पर पूर्णतया निर्भर करता है। ऐसी स्थिति में यह पहले से ही नहीं माना जा सकता कि कर्मचारी द्वारा मांगा गया आकस्मिक अवकाश उसे सदैव स्वीकृत कर ही दिया जायेगा। यदि अवकाश स्वीकृत करने वाला प्राधिकारी यह माने कि राज कार्य में हानि होगी तो मांगा गया अवकाश वह अस्वीकार कर सकता है। यदि किसी राज्य कर्मचारी का आकस्मिक अवकाश के लिये प्रार्थना पत्र अस्वीकार कर दिया जावे और राज्य कर्मचारी कर्त्तव्य पर उपस्थित न हो तो यह माना जायेगा कि व जानबूझ कर सेवा में अनुपस्थित होने का दोषी है।
राजस्थान सेवा नियम 86 के अनुसार एक कर्मचारी सक्षम प्राधिकारी द्वारा उसके आवेदित अवकाश को स्वीकृत करने से पूर्व ही अपने पद/ कर्त्तव्य से अनुपस्थित रहता है तो ऐसे "कर्त्तव्य से जानबूझकर अनुपस्थित रहा" माना जायेगा और ऐसी अनुपस्थिति को सेवा में व्यवधान मानते हुऐ पिछले सेवा काल को जब्त किया जा सकेगा जब तक संतोषप्रद कारण बताने पर उक्त अनुपस्थिति को अवकाश स्वीकृतकर्ता प्राधिकारी द्वारा उसे देय अवकाश स्वीकृत कर नियमित नहीं कर दिया जाता है या असाधारण अवकाशों में परिवृतित नही कर दिया जाता हैं!
यदि कर्मचारी स्वयं और/या उसके कुटुम्ब के सदस्य या संबंधी बीमार हों जोकि उनके नियंत्रण या अधिकार से परे हो, बीमारी, अस्पताल और अन्त्येष्टि में उपस्थिति के मामले में राज्य कर्मचारी यदि आकस्मिक अवकाश की पूर्व स्वीकृति प्राप्त करने में असमर्थ हो तो इस प्रकार के मामले में गुण-दोष के अनुसार आकस्मिक अवकाश की कार्योत्तर स्वीकृति प्रदान की जावे चाहे कर्मचारी ने पूर्व स्वीकृति न ली हो। ऐसे विशुद्ध प्रकार के मामलों में आकस्मिक अवकाश स्वीकृत करते समय सहानुभूतिपूर्वक दृष्टिकोण अपनावें यानि ऐसे मामलों में जहां आकस्मिक अवकाश की पूर्व स्वीकृति लेना संभव नहीं था।
आकस्मिक अवकाश निर्धारित तारीख से पूर्व यदि अस्वीकृत किया जाता है तो अवकाश स्वीकृतकर्ता प्राधिकारी अवकाश अस्वीकृति की सूचना संबंधित राज्य कर्मचारी को देगा। सामूहिक आकस्मिक अवकाश (Mass Casual Leave) के मामले में अवकाश स्वीकृतकर्ता प्राधिकारी द्वारा वैयक्तिक अस्वीकृति संसूचित करना अपेक्षित नहीं है लेकिन वह सामूहिक आकस्मिक अवकाश अस्वीकार करने की आज्ञा पारित करेगा। ऐसी आज्ञा की प्रति नोटिस बोर्ड पर लगायेगें ताकि संबंधित अधिकारी/कर्मचारी सूचित हो सके। सामूहिक आकस्मिक अवकाश को हडताल मानते हुऐ कार्य से अनुपस्थिति में शुमार किया जायेगा और संबंधित राज्य कर्मचारियों को जानबूझ कर अनुपस्थित रहने का दोषी माना जायेगा। राज्य कर्मचारी की उपरोक्त रीति से कर्त्तव्य से अनुपस्थिति की अवधि विहित प्रपत्र में उपार्जित अवकाश के लिये आवेदन करने से ही सक्षम प्राधिकारी की आज्ञा से विनियमित की जा सकती है। राज्य सरकार की आज्ञा से ही हडताल की अवधि का नियमितिकरण किया जा सकेगा। इस प्रकार की आज्ञा राजस्थान सेवा नियमों व सामान्य वित्त एवं लेखा नियमों में अविष्ट प्रावधानों में छूट देकर जारी की जाती है।
राज्य के किसी भाग में दंगें हो जाने, कानून एवं व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रण करने के लिये लगाये गये कर्फ्यू के कारण यदि राज्य कर्मचारी प्रभावित क्षेत्र में रूके तो उसे वित्त विभाग के आदेशों से विशेष आकस्मिक अवकाश मंजूर कर अनुपस्थिति की अवधि का नियमितीकरण किया जाता है।
किसी वर्ष के आकस्मिक अवकाश का संयोजन अगले वर्ष के आकस्मिक अवकाश के साथ इस शर्त पर किया जा सकता है कि दोंनों वर्षों के आकस्मिक अवकाश मिलाकर एक बार में 10 कार्य दिवसों की विहित अधिकतम सीमा से अधिक नहीं होने चाहिये।
राजपत्रित अवकाश और साप्ताहिक अवकाश जो आकस्मिक अवकाश के समय से ठीक पहले या अन्त में आते हो, अवकाश से पहले या बाद में जोडे जा सकते है और आकस्मिक अवकाश की अवधि के मध्य अपने वाले अवकाशों की गणना आकस्मिक अवकाश के भाग के रूप में नहीं की जायेगी।
राज्य कर्मचारियों को अपना मुख्यालय या जिला पूर्व अनुमति के नहीं छोडना चाहिये । अतः राज्य कर्मचारियों को चाहिये कि वे मुख्यालय से बाहर जाने के लिये पहले आज्ञा प्राप्त करे। मुख्यालय से बाहर आकस्मिक अवकाश पर जाते समय अपने निवास स्थान का पता अंकित करना आवश्यक है जहां वे आकस्मिक अवकाश पर रहेंगें। उन्हें अपने आकस्मिक अवकाश के प्रार्थना पत्र में अपने उस स्थान का पता अंकित करना होगा जहां वे आकस्मिक अवकाश के दौरान रहेंगें।
आकस्मिक अवकाश की देयताः राज्य सरकर में दो प्रकार के विभाग होते है: विश्रामकालीन व गैर-विश्रामकालीन विभाग। विभाग या विभाग का वह भाग विश्रामकालीन विभाग (Vacation Department) कहलाता है जिसमें प्रतिवर्ष नियमित रूप से अवकाश रखा जाता है और इन अवकाशों की अवधि में उस विभाग के कर्मचारियों को अपने कर्त्तव्य से अनुपस्थित रहने की अनुमति होती है। महाविद्यालय, स्कूल, शिक्षण संस्थाएं विश्रामकालीन विभाग की श्रेणी में आते है। विश्रामकालीन विभाग के कर्मचारियों को 1 जुलाई से 30 जून की अवधि में शैक्षणिक वर्ष माना जाता है व उन्हें इस अवधि में आकस्मिक अवकाश देय होता है। यदि कोई कर्मचारी विश्रामकालीन विभाग से गैर- विश्रामकालीन विभाग में या विलोमतः स्थानान्तरित हो जाय तो उसका आकस्मिक अवकाश का लेखा व्यपगत (lapse) हो जायेगा । उसे कलेण्डर वर्ष (1 जनवरी से 31 दिसम्बर) या शैक्षणिक वर्ष (1 जुलाई से 30 जून) में आकस्मिक अवकाश देय होंगे।
सेवा में नवनियुक्त कर्मचारियों को आकस्मिक अवकाश
राज्य कर्मचारी को एक वर्ष में 15 दिन का आकस्मिक अवकाश स्वीकृत किया जाता है। यदि कोई व्यक्ति वर्ष मध्य में कार्यग्रहण करता है तो उसे पूरे 15 दिन का आकस्मिक अवकाश नहीं स्वीकृत किया जा सकता । यह निम्नानुसार स्वीकृत किया जायेगा:-
3 माह या कम की सेवा होने पर |
5 दिन |
3 माह से अधिक परन्तु 6 माह के कम की सेवा होने पर |
10 दिन |
6 माह से अधिक की सेवा होने पर |
15 दिन |
सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को आकस्मिक अवकाश
सेवानिवृत्त होने वाले राज्य कर्मचारियों को आकस्मिक अवकाश निम्नानुसार स्वीकृत किया जायेगाः-
सेवानिवृत्त वर्ष में 3 माह या कम की सेवा होने पर |
5 दिन |
सेवानिवृत्त वर्ष में 3 माह से अधिक परन्तु 6 माह के 10 दिन कम की सेवा होने पर |
10 दिन |
सेवानिवृत्त वर्ष में 6 माह से अधिक की सेवा होने पर
|
15 दिन |
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मध्यावधि अवकाश की निरंतरता में आकस्मिक अवकाश लिया जा सकता है या नहीं ।
Sir mene join Kiya h June 2023 m ,to m ab December 2023 tk kitne Cl le skta hu or mera vibhag non vishramadhin h (forensic)
Ordinarily 15 days casual leave is granted to a Government servant in one year, but if any person joins service during the course of the year, he cannot be granted the full quota of 15 days casual leave. Government servants should be granted casual leave in the following manner subject to normal rules :- (a) upto 5 days for service of 3 months or less ; (b) upto 10 days for service of more than three months but less than six months; and (c) upto 15 days for service of more than six months.]
मध्यावधि अवकाश की निरंतरता में आकस्मिक अवकाश लिया जा सकता है या नहीं ।
Sunita
casual leave should not be granted in continuation or in combination of vacation.
Ramesh Chand lata
क्या आकस्मिक अवकाश को आधा दिन का भी लिया जा सकता है???
Yes
सत्र 2022 -23 मैं क्या 24 जून को जिस दिन स्कूल खुलेंगे का आकस्मिक अवकाश लिया जा सकता है क्या?
casual leave should not be granted in continuation or in combination of vacation.
Kya gishm avkash k just baad 24 june ko cl li jakti hai
casual leave should not be granted in continuation or in combination of vacation.
Sir mene 24 June 2024 ki CL li gyi hai tho kya muje mil skti hai
सर् मेरा retirment जुलाई 24 में राज पुलिस मेंएक वर्ष 25 सी एल मिलती ह मुझे कितनी सी एल मिलेंगी कृपा नियम भी बताइये
सर् मेरा retirment जुलाई 24 में राज पुलिस मेंएक वर्ष 25 सी एल मिलती ह मुझे कितनी सी एल मिलेंगी कृपा नियम भी बताइये
Hcl +1cl +3 days madical continue liya ja skta hai
Plese tell me
When winter holidays and next day take cl leave
Sir mene 21june 2023 ko join Kiya h to mujhe December 2023tk kitne cl milengi or mera vibhag non vishramadhin h (forensic)
Can CL be taken with Diwali holidays
Late ane wale karmiko ke kya niyam hai
sir cl ko PL mein convert kar sakte hain kya aur kar sakte hain to kitne mahine bad baat
राजस्थान में एक महिला कर्मचारी(अध्यापक) द्वारा 90 दिन की ccl लेने पर उस सत्र में कितनी cl मिलेंगी। पूरी 15 या कम
Rul
Can cl be taken with diwali holidays
Ramlal
परिवीक्षाधीन कर्मचारी राजस्थान पुलिस RAC में कार्यरत है , उसे अगर अवकाश के दिन [ sunday] को CL अवकाश जाना हो तो क्या वो जा नहीं सकता? अगर किसी कर्मचारी के अवकाश कार्य [ परिवारजन बीमार ] हो उस अवस्था में , अधिकारी का इंतजार करेगा या बीमार का इलाज करवाएगा? CL का हकदार है तो फिर अधिकारी के सामने गिड़गिड़ाना क्यूँ पड़ता है ?
In the period of maternity or ccl , the causal leave transforms ?
Can CL be taken with Diwali holidays Richa
Ras me avakash kitna hota h and grah jile me post milti h
Rajsthan Police constable ko 25 CL milti h or wo 4 din CL chala jata h fir usne ghar se 7 CL ka application or bej diya to kya ye koi rule h to bejna sir ki Jane k baad krm me CL krva rha h to kitne din ki kra skta h
year 1992 mai c.l. ka kya pravdhaN THA
Sunday k just baad me CL li ja skti h kya
kya aksmic avkash ke saath medical avkash ko joda ja sakta hai kya
क्या आकस्मिक अवकाश के साथ अर्द्ध वेतन अवकाश लिया जा सकता है
8890545676
Can we take medical leave after मध्यावधि अवकाश withought joining
Badri lal
विेशिष्ट आकस्मिक अवकाश कौनसे नियम के अन्तर्गत आता है
दो वर्ष की प्रोबेशन अवधि पूर्ण होने पर,, यदि सितम्बर में पूर्ण हो रही है तो बचे हुए सत्र के लिए आकस्मिक अवकाश कैसे मिलेंगे,, मार्गदर्शन करें।